पश्चिम बंगाल में रेल रोको आंदोलन, एनआरसी ड्राफ्ट का विरोध

कोलकाता। असम में नैशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजंस (एनआरसी) का फाइनल ड्राफ्ट जारी होने के बाद शुरू हुआ विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस ड्राफ्ट के विरोध में अब प्रदर्शन शुरू हो गया है। पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना सहित कई अन्य जगहों पर मटुआ महासंघ संगठन की तरफ से बुधवार को रेल रोको अभियान चलाया गया।मटुआ महासंघ ने गॉडमदर बोरोमा बिनापनी देवी की तरफ से निर्देश मिलने के बाद बुधवार को सड़कों पर उतरने का फैसला किया। इस दौरान ट्रेनों को भी रोका गया। मटुआ महासंघ असल में हिंदू जनजातीय संगठन है, जिसके फॉलोअर्स पश्चिम बंगाल के साथ ही बांग्लादेश में भी हैं। इनके मुताबिक असम एनआरसी की लिस्ट में जिन 40 लाख लोगों का नाम नहीं है, उनमें 5 लाख मटुआ समुदाय के लोग भी शामिल हैं।मटुआ महासंघ से जुड़ीं पश्चिम बंगाल की खाद्य मंत्री ज्योतिप्रिया मलिक ने कहा, असम में एनआरसी ड्राफ्ट को लेकर हमारी गॉडमदर ने गहरी चिंता जताई है। लिस्ट से बाहर के 40 लाख लोगों में से 5 लाख मटुआ हैं। उनकी पहचान विदेशी या रिफ्यूजी के तौर पर की गई है और उन्हें वापस भेजा जाएगा। यह अल्पसंख्यकों के खिलाफ एक साजिश है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार साजिश के तहत ऐसा कर रही है। जो उन्हें वोट नहीं देता उन्हें अपने ही देश से बाहर निकालने का मसौदा तैयार किया जा रहा है। इसके अलावा सियालदह स्टेशन और ठाकुरनगर, संदालिया, पाल्टा इन जगहों पर भी रेल रोकी गई। गौरतलब है कि असम एनआरसी ड्राफ्ट का प्रखर विरोध कर रहीं पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने मंगलवार को इस वजह से देश में गृह युद्ध की स्थिति बनने की चेतावनी भी दी थी।

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